In the present lesson of the Sanskrit literature course, Amritmala, today we are going to study a few Sanskrit Niti Shloka.
Niti Shaloka is shaloka by Chanakya. These Sanskrit shlokas give us the knowledge of the strategy and ethics.
Niti Shloka by Chanakya
These Sanskrit shlokas have been derived from the famous work of the ancient Indian scholar and politician, Vishnugupta Chanakya.
The work is called – Chanakya Neeti. We will also learn to calculate the value of a Sanskrit syllable in a given Sanskrit shloka. We will see what a syllable is and how these syllables are combined to form a Sanskrit shloka.
अमृतमाला के इस पाठ में हम कुछ नीति के श्लोक पढ़ेंगे। ये हमें संस्कृत सीखाने में तो सहायक होंगे ही, साथ ही साथ, ये श्लोक हमें नीति का ज्ञान भी देंगे।
इन श्लोकों को चाणक्य नीति से लिया गया है। चाणक्य नीति विष्णुगुप्त चाणक्य द्वारा रचित एक महान नीति ग्रंथ है। चाणक्य नीति में नीति, व्यवहार व राजनीति की शिक्षा देने वाले अनेक श्लोक हैं।
इस पाठ में हम वर्ण की गणना करना भी सीखेंगे। श्लोक कैसे बनता है? श्लोक में वर्ण कैसे गिनते हैं? अनुष्टुप छंद को भी हम देखेंगे।
सुकुले योजयेत् कन्याम् पुत्रम् विद्यासु योजयेत्।
व्यसने योजयेत् शत्रुम् मित्रम् धर्मे नियोजयेत् ।।
मनसा चिन्तितम् कार्यम् वाचा नैव प्रकाशयेत्।
मन्त्रवत् रक्षयेत् गूढम् कार्ये चाऽपि नियोजयेत्।।
शैले शैले न माणिक्यम् मौक्तिकम् न गजे गजे।
साधवः न हि सर्वत्र चन्दनम् न वने वने ।।
परोक्षे कार्यहन्तारम् प्रत्यक्षे प्रियवादिनम्।
वर्जतेत् तादृशम् मित्रम् विषकुम्भम् पयोमुखम्।।
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