The present lesson in the series Amritmala, teaches some ethical witty Sanskrit sayings. Sanskrit sayings are also known as lokoktiya.
Sanskrit Saying
It gives us the knowledge and the grammatical knowledge of the Sanskrit language.
The Sanskrit sayings have been taken from the famous Sanskrit scriptures. Through the Sanskrit sayings we gain good knowledge of ethics and politics.
अमृतमाला के पिछले अध्याय मे हमने पेड़ की अद्भुत कहानी का श्रवण किया आज इस पाठ में हम कुछ लोकोक्तियों का अध्ययन करेंगे। ये लोकोक्तियाँ विभिन्न संस्कृत ग्रन्थों से से ली गई हैं।
लोकोक्तियों के माध्यम से हमें राजनीति और लोक व्यवहार का ज्ञान मिलता है और साथ ही संस्कृत पढ़ने का अभ्यास भी हो जाता है।
यथा वृक्ष तथा फलम्।
यथा राजा तथा प्रजाः ।
न कूपखननम् युक्तम् अग्निना प्रदीप्ते गृहे।
संघे शक्तिः कलौ युगे।
नवा वाणी मुखे मुखे।
वीरभोग्या वसुंधरा ।
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