The video gives a detailed and comprehensive account of the Sanskrit suffix Lyut.
Sanskritam is a unique Grammar Course of the Sanskrit Language, that is the easiest, and yet the most complete. It claims to be the best and first attempt to present the Sanskrit Grammar in such a short form that amazes the audience.
It makes the learner confident and eager to explore the language and literature. It is based on the Ashtadhyayi of Panini, but presents the Sanskrit grammar in the easiest possible way.
First of all, Sanskritam tries to show that Sanskrit is not at all, a difficult language. It is systematic but based on a pattern, and if we catch this pattern, the learning of the Sanskrit Grammar becomes only a child’s play.
Once you go through the basics of Sanskrit Grammar, you are ready to start reading easy Sanskrit shlokas, poems, and pieces of Sanskrit literature.
The Sanskrit lessons are furnished with beautiful pictures that make the understanding graphic and the learning easier.
Every lesson has simple Sanskrit Grammar rules, related to some peculiar topic, accompanied by easiest model example sentences.
What you have to memorize has been given in a pdf file, that has been provided in the descriptions of the video lessons.
We assure you that Sanskritam will definitely make you able to learn, speak and read Sanskrit in a very short span of time.
suffix Lyut
The Sanskrit suffix Lyut is used with Sanskrit verbs to make the Verbal Nouns or Sanskrit Infinitives. In the end of the video, we have used simple Sanskrit sentences.
ल्युट् प्रत्यय संस्कृत के क्रिया से बनी संज्ञा का अर्थ देता है। पाठ के अंत में हम सरल संस्कृत वाक्य बनाएँगे।
पिछले पाठ मे हमने संस्कृत के तुमुन् प्रत्यय के बारे मे पढ़ा था और अब हम संस्कृत के ल्युट् प्रत्यय के बारे मे पढ़ेंगे।
प्रत्यय संस्कृतम् के इस पाठ में हम ल्युट् प्रत्यय का अध्ययन करेंगे। इस संस्कृत पाठ में हम कुछ धातुओं के साथ ल्युट् प्रत्यय के रूप व प्रयोग देखेंगे।
संस्कृतम् अब तक का सबसे सरल व सम्पूर्ण संस्कृत व्याकरण कोर्स है। यह जिस सरलतम ढंग से संस्कृत व्याकरण को पेश करता है, वह पाठक को हैरान कर देता है। उसमें आत्मविश्वास उत्पन्न करता है, और सीखने के प्रति चाव पैदा करता है।
यह कोर्स महर्षि पाणिनी की अष्टाध्यायी पर आधारित है, किन्तु व्याकरण जैसे गंभीर विषय को जितना संभव हो सके, सरल ढंग से प्रस्तुत करता है।
हमारा पहला प्रयास ही यह है कि पाठक का यह भय निकाला जा सके कि संस्कृत एक कठिन भाषा है। यह भाषा किन्हीं सिद्धांतों पर काम करती है, और हमें बस इसकी जड़ को ही पकड़ना होता है, फिर संस्कृत व्याकरण सीखना केवल बच्चों का खेल मात्र हो जाता है।
एक बार जैसे ही आप संस्कृत व्याकरण के मूल नियमों से परिचित हो जाते हैं, तो आप संस्कृत के सरल श्लोक, कविताएं, कथा-कहानियाँ पढ़ने के लिए तैयार हो जाते हैं।
संस्कृतम् के सभी पाठ सुंदर चित्रों से सजाए गए हैं जो सीखने की क्रिया को सरल और स्मृति को दृढ़ता प्रदान करते हैं। प्रत्येक पाठ में किसी विशेष व्याकरण के खंड को लिया गया है, उसके नियमों की सरलतम व्याख्या के बाद बड़े सुंदर व आसान उदाहरण दिए गए हैं।
हमारे पाठकों को जो भी कुछ याद करना पड़ता है, उन सब चीजों की एक pdf file सभी videos के description में दे दी गई है ताकि उससे आपको याद करने में सहायता मिले।
हम आपको विश्वास दिलाते हैं, कि संस्कृतम् संस्कृत भाषाप्रेमियों के लिए वरदान है, यह उनको संस्कृत व्याकरण सीखकर संस्कृत भाषा को पढ़ने, लिखने और बोलने में शीघ्र ही समर्थ बना देगा।
संस्कृतम् एकम् अद्भुतम् सरलतमम् संस्कृतभाषायाः कोर्सम्। इदम् अतिसरलतया पाठकम् संस्कृतभाषाम् अध्यापयाति तत् पाठकाभ्याम् विस्मयकारकम्। संस्कृतम् पाठकस्य हृदये विश्वासम् जनयति, संस्कृतभाषां प्रति प्रेमम् चोत्पादायति। इदम् महर्षेः पाणिनेः अष्टाध्यायीग्रन्थसंयाोपरि आधारितम् किन्तु संस्कृतव्याकरणं सरलतमविधिना प्रस्तौति। अस्माकम् प्रथमं एव प्रयासम् इदम् यत् पाठकस्य हृदयात् भयम् दूरीकरणियम् संस्कृतव्याकरणविषयदुरुहताजन्यम्। यदि पाठकः संस्कृतव्याकरणस्य मूलम् गृह्णाति, तदा संस्कृतभाषायाः अधिगमम् केवलम् बालानाम् क्रीडामात्रम् अवशेषम्। संस्कृतभाषायाः मूलम् अधीत्य भवन्तः संस्कृतस्य सरलश्लोकान्, कविताः, कथाः पठितुम् समर्था भवन्ति। प्रत्येकम् पाठम् सुन्दरचित्रैः सुसज्जितम् यतः शिक्षणम् सरलम् भवति, स्मृतिः च सुदृढा जायते। यत्किंचित् भवद्भिः स्मरणियम् असति, तत् सर्वम् पाठस्य अन्ते pdf file रुपेण दियते। संस्कृतम् संस्कृतभाषाप्रेमिभ्यः एकम् वरदानम् नात्र संशयः।